पॉली सिस्टिक ओवारियन सिंड्रोम( pcos ) एक कॉमन पर उतनाही पेचीदा हेल्थ प्रॉब्लम महिलाओ में रिप्रोडक्टिव ऐज में दिखता हैं। शरीर में हार्मोन के असंतुलन से ये होता हैं जिसमे अलग अलग लक्षण शरीर में दिखाई देते है।ये कह सकते है की pcos से शरीर के मेटाबोलिजम पर ,प्रजनन संस्था पर भावनिक स्थिति पर और कई महिलाओ में हृदयप्रणाली पर भी असर देखने को मिलता हैं।

Contents
(PCOS)पॉली सिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम में कौनसे लक्षण दिखते हैं ?
1 पीरियड (mensuration )से संबधित प्रॉब्लम
पीरियड्स नहीं आना
पीरियड्स लम्बे गैप के बाद आना
पीरियड्स के समय अत्यधिक रक्तस्त्राव होना।
पीरियड्स में बहोत ही कम रक्तस्त्राव होना।
पीरियड्स के समय काफी तकलीफ होना।
2 एन्ड्रोजन हार्मोन बढ़ने से होने वाले प्रॉब्लम
ये मेल हार्मोन जब स्त्री के शरीर में ज्यादा स्त्रावित होने लगता है तब चेहरे पर बाल आना ,शरीर पर भी ज्यादा क्वांटिटी में बाल निकलना इस तरह की तकलीफ शुरू हो जाती है , इसे हिर्सुटिज़म (Hirsutisum)कहा जाता है। महिलाओ में इस वजहसे डिप्रेशन भी बढ़ता हैं।
हार्मोनल असंतुलन से एक्ने पीठ और फेस पर आने लगते है और उपाय कर कर के भी जल्दी ठीक होने का नाम नहीं लेते।
3 बॉडी शेपिंग की प्रॉब्लम
देखा गया है की 33 %से 80 % महिलाए जो इस बीमारिसे ग्रसित है उनमे वजन ज्यादा हैं ,और वजन ज्यादा होने से स्थिति और गंभीर होने लगती है। बाल झड़ने लगते हैं ,शरीर की सुंदरता कम हो जाती है।
पढ़े -फ़ूड क्रेविंग्स को कैसे कंट्रोल करे
PCOS से क्या खतरे बढ़ते है ?
इनफर्टिलिटी (वन्ध्यत्व )
मिसकैरेज होते रहना
या प्रेग्नन्सी में हाई ब्लड प्रेशर या डायबेटीस की स्थिति उत्पन्न होना
हृदयप्रणाली संस्था में दोष निर्माण होना
डिप्रेशन और अन्ज़ाइटी की स्थिति रहना ये कम्प्लीकेशन निर्माण होते हैं।