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फ़ूड क्रेविंग्स
खाना खाने के बाद भी और कुछ खाने का मन है कभी चॉकलेट्स या जंक फ़ूड में पिज़्ज़ा ,बर्गर या कुछ स्वीट ! ऐसे कभी कभी होना स्वाभाविक है पर अगर इस क्रेविंग्स पर कंट्रोल नहीं हैं तो ये बात प्रॉब्लम जरूर बन जाएगी इसमें मुख्य बात आती है वजन बढ़ने की । अक्सर देखा गया है की खाने की इच्छा बनी रहना ,एक तो शरीर में पोषक तत्वों की कमी दर्शाती है और दूसरा मानसिक स्थिति किस तरह की है ये भी बात सामने लाती हैं। 90 % लोगो में ये बात मानसिक स्तर से निगडित होती हैं। देखते है की फ़ूड क्रेविंग्स के क्या कारण हो सकते है और कैसे इसे दूर करें।
फ़ूड क्रेविंग्स के कारण
- शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना
- सेहत के लिए आवश्यक नींद न लेना
- पानी कम पीना
- तनाव ,चिंता करना।
फ़ूड क्रेविंग्स और मानसिक स्थिति
चटपटा ,कुरकुरा खाने की इच्छा
चिप्स ,पापड़ ,भजिया आदि खाने की इच्छा रहती हो तो हो सकता है सोडियम की कमी हो या आपको पानी की आवश्यकता है क्योनी खाने की फीलिंग और पानी की प्यास ये दोनों में उलझन होती हैं। अक्सर देखा गया है की हाइड्रेट होने के बाद खाने की इच्छा दब जाती है।
मीठा खाने की इच्छा
मीठा रस खाने से एक तृप्ति मिलती हैं ,अच्छा लगने की फीलिंग आती हैं। आयुर्वेद में षड रस युक्त आहार को श्रेष्ठ कहा है जिसमे मीठा ,खट्टा, नमकीन ,कड़वा,तीखा ,कसैला सभी रस शामिल हो और शरीर की पोषकतत्वों की कमी जिससे पूरी हो जाती हैं। खैर जब बार बार मीठा खाने की इच्छा होती है तो मूड चेंज की आवश्यकता है हो सकता है कोई स्ट्रेस हो ,अपनी भावनाओ पर गौर कर इस मीठे खाने की इच्छा को कंट्रोल कर सकते है।
हाई कैलोरी फ़ूड की इच्छा
इसमें ब्रेड ,चपाती ,राइस आदि आता है यानि कार्ब्स खाने की बार बार इच्छा होती है ,खाये हुए भोजन में सन्तुष्टता ही नहीं है। मानसिक स्थिति में चिंता में रहना ,इन्सेक्युरिटी की भावना , डिप्रेशन ,आदि हो सकता हैं इसपर गौर करें।
फ़ूड क्रेविंग्स को कैसे कम कर सकते है ?
- खाने का टाईमटेबल बनाए
रेगुलर समय पर खाना खाए और दिनभर में कौनसी चीजे खानी है वो तय कर रखेंगे तो अनिश्चित समय पर आने वाली फ़ूड क्रेविंग्स को इगनोर कर सकेंगे। और टाईमटेबल तैयार होने से स्वास्थ्यपूरक ही आहार अपना सकेंगे।
- फ़ूड क्रेविंग्स में स्वस्थ आहार लेकर करे बदलाव
हेल्दी स्नैक्स को रेडी रखे चाहे वो फ्रूट्स हो ड्राई फ्रूट्स हो तो क्रेविंग्स के समय में तुरंत लिया जा सकें। चटपटा खाने की इच्छा हो रही हो तो मखाना ,जवार से बने पॉप्स,बादाम काजू,पिस्ता ,मनुका आदि का ऑप्शन चुनें।
कार्ब्स ,चॉकलेट्स ,जंक फ़ूड की क्रेविंग्स के लिए फ्रूट्स, जूस आदि का उपयोग करें ,मौसम अनुसार फल ले ककड़ी , बीटरूट , गाजर खाएं या इनसे बने जूस ले जिससे पोषकतत्वों की कमी पूरी हो जाये फ़ूड क्रेविंग्स कम हो जाए और शरीर में कैलोरीज भी न बढे। बीटरूट के पोषकतत्व और फ़ायदे
- फ़ूड क्रेविंग्स में पानी का प्रयोग
दिनभर ठीक से हाइड्रेट रहने से खाने की क्रेविंग्स नहीं होती और उचित मात्रा में सेवन किया हुआ पानी दिनभर स्फूर्ति देता है।
- अच्छी नींद ले
नींद को शरीर का उपस्तम्भ कहा जाता हैं। नींद ठीक से लेने से हार्मोन का बैलेंस रहता हैं मन स्थिर रहकर तनाव , चिंता का प्रभाव कम हो कर मानसिक तौर पर निगडित फ़ूड क्रेविंग्स पर नैचुरली कंट्रोल कर सकेंगे। रिसर्च के अनुसार भी देखा गया ही की जो लोग जरुरत से कम सोते है उनमे पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है और फ़ूड क्रेविंग्स ज्यादा होने लगती है जो स्थूलता का एक कारन बन जाता हैं।
स्ट्रेस लेने से कोर्टिसोल हार्मोन की लेवल ब्लड में ज्यादा होने लगती है जिससे भूक बढ़ती हैं फ़ूड क्रेविंग्स होती हैं और वेट गेन होता है सामान्यतः ये लेडीज में देखने को मिलता है सबसे पहले इसमें में पेट के ऊपर की चरबी बढ़ी हुई दिखती है। तो स्ट्रेस को दूर रखने के लिए मैडिटेशन ,प्राणायाम करें।
- आयुर्वेद और फ़ूड क्रेविंग्स
शिरोधारा – तनाव ,चिंता आदि के लिए ये एक ट्रीटमेंट हैं जिससे खुद को रिलैक्स पाकर भावनाओ पर कंट्रोल करना सहज हो सकता हैं। हर्बल मेडिसिन में अपामार्ग ,ब्राम्ही ,दूर्वा कल्प ,मानसमित्र वटी आदि डॉक्टर की सलाह से लेकर इस प्रॉब्लम को दूर कर सकते हैं।
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