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भोजन के नियम और इम्युनिटी
इम्युनिटी पर पहलेसे ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है जाहिर है इससे हम स्वस्थ रहते है इम्युनिटी के २ कॉम्पोनेन्ट होते है यानि एक है जन्म के साथ आने वाली इम्युनिटी inborn immunity दूसरी है अडाप्टिव इम्युनिटी (adaptive immunity) दोनों साथ काम करते है इम्युनिटी को बिल्ड करने के लिए चार बातो पर ध्यान देना होगा।
भोजन –
भोजन कैसे करे ,भोजन में क्या खाये ,कब खाये आदि सब बातो का विचार इम्युनिटी को बढ़ने के लिए किया जाना चाहिए।
नींद
अच्छी नींद आने के लिए क्या उपाय है, नींद कब ले ,कितने घंटे की नींद हितकर है आदि
बॉडी मूवमेंट
इसमें योग ,आसन ,प्राणायाम ,जिम, वाकिंग ,रनिंग अदि कई प्रकार जिसमें बॉडी की मूवमेंट होती है और डायरेक्टली इम्युनिटी पर परिणाम होता है।
मन की अवस्था
जैसा मन वैसा तन होता है , स्थिर रहने से स्वस्थता प्राप्त होती है।
इसमें भोजन के नियम देखते है जो यूनिवर्सल है हर एक को इसे फॉलो करना चाहिए।
भोजन के नियम
- ताजा अन्न खाये
जितना फ्रेश फ़ूड होगा उतने उसमे विटामिन, मिनरल्स,न्यूट्रिंट्स ,पानी की मात्रा अच्छी होती है, जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है।
- अधिक भोजन करने से बचे
भोजन को पूर्ण संतोष होने तक खाये पर ओवरईटिंग से बचे क्योंकि ये अन्न पाचन की प्रक्रिया में गड़बड़ी करता है फिर पैट में भारीपन डकार आना पेट में गैस होना एसिडिटी होना आदि कई समस्या उत्पन्न होती है।
- अच्छी नमी वाला भोजन ले
भोजन को पकाते समय उसमे जरुरी है घी या तैल का उपयोग करना जिसे भोजन स्वादिष्ट तो बनता ही है और इनसे पाचन की प्रक्रिया भी सरल हो जाती है भोजन जितना ड्राई होता है उतना अधिक पेट की समस्या होती है।
घी के बहोत सारे फायदे है जिसे शरीर का पोषण गहराई से होता है। घी में अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन्स पाए जाते है जो नैचुरली स्वास्थ की रक्षा करते है
- खाना अच्छी जगह पर खाये
खाने के लिए साफसूतरी जगह हो जिसेमें हम शांति और प्रसन्नतापूर्वक खाने का आस्वाद ले सके।
- ज्यादा तेजी से न खाये
ज्यादा तेजी से खाना खाने से एक प्रॉब्लम ये होतो है की आप जरुरत से ज्यादा खाना खाने लगते हो ब्रेन को सिग्नल देने में २० मिनट्स लगते है की मेरा पेट अब भर गया है ,पर फ़ास्ट ईटिंग से ये हो नहीं पाता बॉडी को खाने का सटिस्फैक्शन नहीं मिलता है और पेट में ज्यादा कैलोरीज़ जाती है।
- ज्यादा धीमी गति से न खाये
ज्यादा धीमी गति से भी नहीं कहना है इससे भी शरीर की पुष्टि नहीं होती ज्यादातर जानवर ही होते है जो धीमी गति से और पुनः पुनः खाने को चबाकर खाते है।
- भोजन पर ध्यान दे
आजकल ये फैशन हो गया है की खाते समय टीवी के सामने बैठे ये जोर जोर से गप्पे मारकर खाना खाए ,
भोजन जो हमारे लिए बड़े प्यार से बनता है बनाया जाता है उसे बनाने लिए बड़े कष्ट उठाए जाते है उसे ध्यान से कृतद्न्यता पूर्वक खाना है उस अन्न का आनंद ले उसपर सोचे धन्यवाद करे।
- भोजन और इमोशन
भोजन करते समय अपने भावनाओ पर ध्यान दे हमारी भावनाओ का अन्नपचन क्रिया पर प्रभाव होता है ,रिसर्च के अनुसार भी ब्रेन और बेली के कनेक्शन से कैसे शारीरिक तौर पर कब्ज रहना या लूसे मोशन होना ,इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसे बीमारियों का जिक्र किया गया है जिसमे तनाव,चिंता अवसाद,अदि का कनेक्शन देखा गया है मतलब सीधा है खुद को हैप्पी रखिये तब आपकी gut health भी अच्छी रहेगी ,हेल्थ और इम्युनिटी दोनों मेन्टेन रहेगी।